On Ganesh Chaturthi on 22 August, earthen Ganesha should be installed only because the soil has inherent purity. Pandit Ganesh Mishra of Kashi's astrologer and theologians says that the clay Ganesh idol is made of Panchatatva. The idol contains parts of land, water, air, fire and sky. Therefore, by invoking God and honoring him, works are proved.
22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर मिट्टी के गणेश ही स्थापित करना चाहिए क्योंकि मिट्टी में स्वाभाविक पवित्रता होती है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्मशास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि मिट्टी की गणेश प्रतिमा पंचतत्व से बनी होती है। उस मूर्ति में भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश के अंश मौजूद होते हैं। इसलिए उसमें भगवान का आवाहन और उनकी प्रतिष्ठा करने से कार्य सिद्ध होते हैं।
#Ganeshchaturthi2020 #Ganeshpratima #Ganpatipuja