रोजगार की तलाश में मुरली चौहान 3 साल पहले सऊदी अरब कमाने के लिए गए थे लेकिन 6 जून 2020 के बाद से उनका परिवार से कोई संबंध नहीं हो पा रहा है जिस वजह से परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है, यहां तक की मुरली चौहान का 4 साल और 6 साल के दो बेटे भी अपने पापा की याद में हर वक्त रोते रहते हैं लेकिन ना उनकी सरकार ने कोई मदद की और ना ही जिस एजेंट द्वारा मुरली चौहान सऊदी गए थे उसने ही इनकी कोई मदद की जिस वजह से यह परिवार अब न्याय के लिए सांसद और जिले के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने को मजबूर है।