कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC Meeting) में सोमवार को उस समय बवाल मच गया जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों से नाराज वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
दरअसल, राहुल ने बैठक में तीखे तेवर दिखाए थे। राहुल ने कहा- जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं, उसी समय पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?
राहुल गांधी ने चिट्ठी की टाइमिंग पर भी उठाए थे सवाल।
राहुल ने कहा- सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी।
बैठक में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी चिट्ठी की आलोचना की।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल राहुल गांधी के भाजपा से साठगांठ वाले बयान से आहत हुए। उन्होंने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की।
उन्होंने कहा- पिछले 30 वर्षों से किसी भी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं।
हालांकि कुछ ही देर बाद उन्होंने यह कहते हुए ट्वीट वापस ले लिया कि राहुल ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह की कोई बात नहीं कही है।
सुरजेवाला ने कहा- इस तरह की गलत खबरों से भ्रमित न हों। हमें आपस में लड़ने की जगह निरंकुश मोदी सरकार से मिलकर लड़ना चाहिए।