सपा पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत भूमाफिया घोषित, एफआइआर दर्ज

Patrika 2020-09-03

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फर्जी वसीयत के आधार पर वक्फ संपत्ति हड़पने के मामले में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सपा नेता पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित कर दिया है। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह की ओर से उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।
सर्वोदय नगर निवासी नाहर सिंह की ओर से जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया कि शहर की सीमा पर ग्राम नूरपुर स्थित वक्फ नवाब मेंहदी अली की 3.65 एकड़ भूमि को अवैध और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेचा गया है। एसडीएम सदर द्वारा की गई शिकायत की जांच में पाया गया कि चकबंदी के दौरान आकार पत्र-45 के अभिलेखों में हेराफेरी कर वक्फ नवाब मेहंदी अली का नाम हटाकर नवाब सफदर अली के नाम दर्ज कर दिया गया। तत्कालीन तहसीलदार सदर ने गैरपंजीकृत वसीयत के आधार पर विवादित भूमि को सफदर सुल्तान के नाम से खारिज कर अजादार जैदी के नाम दर्ज कर दिया, जो कि न्यायिक दृष्टि से शून्य था।इसके बाद अजादार जैदी की मृत्यु से ठीक एक दिन पूर्व की तिथि में एक अपंजीकृत वसीयत के आधार पर भूमि को उर्मिला राजपूत के नाम दर्ज कर दिया गया। जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार संदिग्ध परिस्थितियों के रहते हुए भी तहसीलदार सदर द्वारा की गई कार्रवाई न्याय की दृष्टि से अनुचित थी। इस प्रकार लगभग 3.30 करोड़ कीमत की वक्फ भूमि को हथियाने के मामले में जिलाधिकारी ने सपा नेता व पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित किया है। कूटरचित अभिलेखों को निरस्त करते हुए प्रश्नगत भूमि को दोबारा वक्फ संपत्ति दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए। मामले में पूर्व विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश कर दिए गए हैं।
वृहद जांच के लिए समिति गठित
जिलाधिकारी ने बताया कि इसी वक्फ संपत्ति की कुछ अन्य भूमि भी कूटरचित अभिलेखों के आधार पर खुर्दबुर्द की गई है। मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में एसडीएम सदर व एसडीएम कायमगंज को शामिल किया गया है। समिति को एक माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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