लखनऊ. शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर उत्तर प्रदेश के 73 जिलों के उन शिक्षक शिक्षकाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य किये, जिनकी वजह से समाज की दिशा बदली। अलग-अलग खूबियों की वजह से राज्य के 73 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 दिया जाएगा। इसमें हाथरस और कौशाम्बी जिलों का नाम नहीं शामिल है। इस पुरस्कार के तहत राज्य सरकार की तरफ से एक प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह व 25 हजार रुपए नगद व 2 वर्षों का सेवा विस्तार शामिल है। आइए जानते हैं कि कुछ चुनिंदा शिक्षकों के बारे में जिन्हें शिक्षक दिवस पर राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया जाएगा।
खो-खो व एथलेटिक्स ने दिलाया सम्मान
कानपुर देहात से जिला व्यायाम शिक्षिका का दायित्व संभाल रही नीतू कटियार को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। खेलों में विशेष रुचि रखने वाली नीतू जिले के मलासा ब्लॉक के बिहारी गांव में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हैं। नीतू मूलरूप से कानपुर के शारदा नगर निवासी हैं। बच्चों की वह प्रिय शिक्षिका हैं। नीतू कटियार ने बताया कि शुरुआत से ही उनकी खेलों में रुचि रही है। वह राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो व एथलेटिक्स खिलाड़ी रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अगर में लक्ष्य प्राप्ति का जुनून और धैर्य है तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं है।
मिसाल बना विद्यालय
आजमगढ़. कहते हैं कि इरादे नेक हों और कुछ करने की ईच्छाशक्ति हो तो व्यवस्था को बदलने में देर नहीं लगती। राज्य अध्यापक पुरस्कार हासिल करने वाले जिले के प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने इसे साबित कर दिखाया है। आज यह प्राथमिक विद्यालय पब्लिक स्कूलों से कहीं आगे है। यहां के लोग अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में भेजने के बजाय परिषदीय विद्यालय में भेजना ज्यादा पसंद करते हैं। खास बात है कि सुरेंद्र सिंह ने स्कूल में ज्यादातर कार्य जन सहयोग से कराया है और उनका विद्यालय आज पूरे जिले के लिए मिशाल है। वर्ष 2015-16 में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुरेंद्र प्रसाद सिंह को विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने शिक्षा काल में खुद सुरेंद्र प्रसाद सिंह वालीबाल के अच्छे प्लेयर रहे। इसके स्कूल के कई बच्चे एथेलेटिक्स में राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं।
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