एक ओर लॉकडाउन के चलते साइकिल बनाने वाली भारत प्रसिद्ध कंपनी एटलस बंद हो गई, वहीं दूसरी ओर साइकिल के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ा। हर उम्र के व्यक्ति ने साइकिल को अपनी फिटनेस का जरिया बनाया।
कोरोना महामारी के दौर में सेहत के लिए साइकिल चलाने की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे लोगों की आदत में तब्दील हो गई।
बाजार में यूं तो 11 लाख रुपए तक की साइकिल उपलब्ध हैं, लेकिन 6 हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक कीमत वाली साइकिलें लोगों ने ज्यादा खरीदीं।
साइकिल के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए इंदौर शहर में अलग साइकिल लेन बनाने की मांग भी उठने लगी है।
साइकिल चालकों की यह भी पीड़ा है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल साइकिलिंग को लेकर ज्यादा स्कोप नहीं है।
आम लोगों की साइकिल कोरोना काल में खास लोगों की भी पसंद बन गई है। रंग-रूप और कीमत में भले ही अंतर हो
सकता है, लेकिन अब लोग सिर्फ जरूरत के लिए ही नहीं सेहत और रेसिंग के लिए भी साइकिल चला रहे हैं।