कोरोना मामलों को लेकर सरकार भले ही संवेदना बरतते हुए उचित व बेहतर इलाज का भरोसा दे रही है ,लेकिन कुछ लोग ऐसे है जो इंसानियत को शर्मसार करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजो से धन उगाही में लगे हुए है । अधर्म का यह ताज़ा मामला धर्म नगरी मथुरा से आया है । जहाँ कृष्ण विहार कॉलोनी निवासी पूर्व पेशकार त्रिलोक सिंह (63) की मौत के बाद सामने आया है । दरअसल 14 सितंबर की रात निजी अस्पताल में पूर्व पेशकार त्रिलोक सिंह की मौत हो गई थी। वह कोरोना संक्रमित थे। अस्पताल ने परिजनों को उनका शव दे दिया । पुत्र कमल विष्ट और अन्य परिजन ही अस्पताल से पेशकार के शव को एंबुलेंस में लेकर यमुना के ध्रुव घाट पहुंचे । यहां पहुंच कर जब उन्होंने श्मसान घाट के कर्मचारी से बातचीत की तो ध्रुव घाट के कर्मचारियों ने संवेदनाओं की सारी हदों को पार कर अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपये की मांग की । अंतिम संस्कार के लिए जब परिजनों ने इतने रुपये देने मे असमर्थता जताई तो 17 हजार रुपये में शव का दाह संस्कार तय हुआ। 17 हजार रुपये लेने के बाद ही कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार किया गया ।
मृतक त्रिलोक के बेटे कमल विष्ट ने बताया कि कोरोना काल में इतनी अमानवीयता देख उनकी आत्मा अंदर तक कचोट गई। उनका आरोप है कि अस्पताल से एंबुलेंस में शव भेज दिया गया। एंबुलेंस में केवल चालक था। चालक और सफाईकर्मियों ने शव को घाट पर उतारा। इस दौरान चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी साथ नहीं था। शव को अस्पताल से लेकर अंतिम संस्कार सब पैसे देकर हुआ ।
ध्रुव घाट श्मशान संचालन समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ध्रुव घाट पर कुछ सफाई कर्मचारियों द्वारा कोरोना ग्रस्त मृतकों के अंतिम संस्कार में मनमानी की जा रही है। हमें इस संबंध में अवैध वसूली के साथ अन्य शिकायतें भी मिली हैं। इसकी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट से भी की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमने कोरोना पॉजिटिव केस को ध्रुव घाट से नीचे यमुना किनारे जलाने की व्यवस्था कर रखी है। मृतकों के परिजनों से हम सिर्फ 250 रुपये की रसीद कटवाते हैं । उधर मृतक के पड़ोसियों ने इस मामले पर नाराजगी दिखाई और सवाल खड़ा किया कि सरकार संवेदनाएं बरत रही है ,लेकिन अधिकारी सोए हुए है और मामला सामने आने के बाद भी आंखों पर पट्टी बांधे हुए खड़े है ।
सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ध्रुव घाट के प्रबंधक की ओर से शिकायत मिली थी। इस शिकायत पर पुलिस को भेजा था। पुलिस के पहुंचने पर अंतिम संस्कार किया गया था। परेशान करने वाले सफाई कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है। जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
सारा मामला सामने आने के बाद भले ही प्रसासनिक अधिकारी अभी भी मामले को उस गंभीरता से नही ले रहे है जिस गंभीरता ओर संवेदना की इस मामले में जरूरत थी और यही वजह है कि आये दिन जहाँ कोरोना मृतकों की सांख्य में इजाफा हो रहा है । वही इस तरह की शिकायतें भी लगातार बढ़ रही है ।