पशुधन सहायकों के भरोसे पशुओं का भविष्य
राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिशों की उड़ रही धज्जियां
पौने छह करोड़ पशुधन के लिए चाहिए 11 हजार पशु चिकित्सक
एक ओर पशुपालन विभाग प्रदेश के पशुधन की देखरेख के लिए टीकाकरण, टैगिंग आदि विभिन्न योजनाएं चलाने का दावा कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर पशु चिकित्सकों की कमी के कारण प्रदेश का पौने छह करोड़ पशुधन की देखभाल मात्र 931 पशु चिकित्सकों के भरोसे हो रही है। इससे राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिशों का भी मजाक बन कर रह गया है।
क्या हैं राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिश
गौरतलब है कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिशों के मुताबिक पांच हजार पशुओं पर एक पशु चिकित्सक होना चाहिए। यदि प्रदेश की बात करें तो 2019 की जनगणना के मुताबिक इनकी संख्या 567.76 लाख है। यानी आयोग की सिफारिश के मुताबिक पौने छह करोड़ पशुधन के लिए तकरीबन 11 हजार पशु चिकित्सकों होने चाहिए लेकिन विभाग में पशु चिकित्सा अधिकारी के 1937 पद स्वीकृत हैं, इसमें से 931 पद पर पशु चिकित्सक कार्यरत हैं और शेष 1006 पद रिक्त हैं। मतलब एक पशु चिकित्सक के भरोसे 50 हजार से अधिक पशु हैं। पशु चिकित्सकों की कमी के कारण पशुओं का इलाज पशु धन सहायक कर रहे हैं जिनका दायित्व पशु चिकित्सक की सलाह पर इलाज करना है।