गांधीजी के बारे में हम बचपन से पढ़ते आ रहे। गांधीजी ने हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलने की सलाह दी। क्या फिर भी हम उनके आदर्शो को ठीक तरीके से समझ नहीं पाए है। गांधीजी के आदर्शों को हमने अब तक किताबों में पढ़ा, टीवी पर देखा और दूसरों से सुना था, लेकिन कभी उन पर पूरी रीति से अमल नहीं किया। आज गांधीजी की पुण्यतिथि पर वक्त है, उन आदर्शों को एक बार पुन: स्मरण करने का और उन्हें पूर्णत: अपनाने का ताकि जिस भारत देश का उन्होंने सपना संजोया था उसे हम पूरा कर सकें और वही होगी हमारी ओर से बापू को सच्ची श्रद्धांजली।