उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करने वाली भाजपा सरकार अब अपने कृत्यों को छिपाने का प्रयास कर रही है। इस प्रकार के गंभीर आरोप लगाते हुये समाजवादी लोहिया वाहिनी ने प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला किया है। हाथरस जनपद में दलित युवती के साथ हुये सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद हत्या का मामला ठण्डा भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश के ही बुलंदशहर से भी ऐसी ही घटना सामने आयी है। दोनों ही मामलों में पुलिस द्वारा बलपूर्वक मृत हुयीं पीडि़ताओं के शव जबरन हिन्दू रीति के विपरीत आधी रात में शव का दाहसंस्कार करने का आरोप लगाया गया है। समाजवादी लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष आशीष अहारिया बाल्मीकि के नेतृत्व में हाथरस की घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुये प्रदेश सरकार की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गयी। तदोपरान्त रात करीब 2 बजे प्रतीकात्मक शव दहन किया गया। इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुये कानून व्यवस्था ध्वस्त होने से प्रदेश में आपराधिक घटनायें भयावह तरीके से बढऩे पर चिन्ता जाहिर की गयी। इस दौरान लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष आशीष अहारिया बाल्मीकि ने कहा कि हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्ष्यकार द्वारा पूरे मामले में पीडि़ता के परिजनों की सहमति के बाद ही रात में शव का दाह संस्कार करने की बात कही गयी है, जबकि समाचार चैनलों में वायरल वीडियो में दाहसंस्कार के दौरान पुलिस कर्मियों के अलावा ग्रामीण भी अनुपस्थिति नजर आ रहे हैं। ऐसे में एक जिम्मेवार पद पर आसीन अधिकारी द्वारा मिथ्या वचन का बोलना सरकार द्वारा सरकारी कर्मियों पर बनाये जा रहे दबाव को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह नैतिकता के आधार पर अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें। इस मौके पर नगराध्यक्ष नीलू कुशवाहा, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत, महासचिव अंकित यादव नौहरखुर्द, पंकज यादव भज्जू, उपाध्यक्ष आनंद भूरे, नगर उपाध्यक्ष शरीफ जावेद, सचिव जावेद खान आदि मौजूद रहे।