प्रधानमंत्री आवास योजना जो भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके तहत भारत सरकार के द्वारा तीन किस्तों में ढाई लाख रुपए का बजट देकर हर किसी को छत देने की बात करती है। लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। क्योंकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए कोई बजट नहीं मिला। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष का 7307 आवास के सापेक्ष मात्र 1200 लाभार्थियों को तीसरे किश्त से परिपूर्ण किया गया है। जिसके वजह से बहुत सारे लाभार्थी अपना मकान बनवा कर कर्ज में डूब चुके हैं । और सरकार से मिलने वाली राशि का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।
जनपद गाजीपुर ही नहीं पूरे देश में मोदी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना आया जिसके तहत शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के आवास के लिए शासन की तरफ से ढाई लाख रुपए का बजट तीन किस्तों में लाभार्थी को दिया जाता है इस योजना ने पिछले वित्तीय वर्ष मे जनपद में 7307 आवास बनवाने की स्वीकृति दिया। जिसके सापेक्ष बजट मात्र 5365 का ही मिल पाया इसके साथ ही लाभार्थियों को मिलने वाली दूसरी किस्त डेढ़ लाख मात्र 1994 लोगों को ही मिल पाया तो 6051 लोगों को अभी भी तीसरे किश्त का इंतजार है जब इस बारे में डूडा के अधिकारी रामसिंह राही से बात किया उन्होंने बताया कि इस योजना में चल रहे वित्तीय वर्ष के लिए अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिला है वही पिछले वित्तीय वर्ष में मिले स्वीकृति के बाद बने बर्ने आवास के बहुत सारे लोगों की दूसरी और तीसरी किस्त बाकी है। इन सभी लोगों की लिस्ट जांच उपरांत दिया जाएगा।
शासन से मिले प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति के पश्चात अपना आवास बनवा चुके लाभार्थी अब अपने दूसरे और तीसरे किश्त का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह अपने बकाए का भुगतान कर सके क्योंकि विभागीय दबाव में इन सभी लोगों ने विभाग के द्वारा बजट नहीं मिलने के बाद भी कुछ अपना पैसा और कुछ उधार लेकर इस उम्मीद में अपना मकान कंप्लीट करवाया कि मकान बनने के बाद उन्हें विभाग के द्वारा बजट मिल जाएगा और उनके सपनों का मकान तैयार हो जाएगा और कर्ज़ से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन 1 साल से लोग अपने दूसरे और तीसरे किस प्रकार इंतजार करते नजर आ रहे हैं।