न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी नहीं
मंूग और कपास पर भी नुकसान की संभावना
यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी नहीं होने के चलते एक बार फिर किसानों को अपनी उपजों को औने पौने दामों पर बेचने के लिए विवश होना पड़ सकता है। यह स्थिति तो तब है जब केंद्र सरकार ने संसद में घोषणा की है कि वह कृषि उपजों के विक्रय के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीद की व्यवस्था करने एवं बाजार सहित दोनों विकल्प उपलब्ध कराएगी लेकिन खरीद की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को बाजरा एक हजार रुपए, ज्वार 500 रुपए का घाटा उठाकर बेचनी पड़ सकती है।