जयपुर। नगर निगम चुनावों को लेकर वोटर भी जागरूक हैं। इन दिनों हर वार्ड में राजनीति सरगर्मियां तेज हो चुकी है, लेकिन वोटर किसी राजनीति से परे अपनी समस्याओं को सुलझाने वाले उम्मीदवार की ओर देख रहे हैं। इस बार खासकर युवा वोटर ने ठाना है कि जो नेता वार्ड का विकास नहीं कर सकता, उसका बहिष्कार करना है। वहीं कुछ युवाओं का कहना है कि अधिकतर वार्डों में पार्षद जीतने के बाद कभी आते ही नहीं। जनता की सेवा करने वालों की बजाय सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने लोग पार्षद चुनाव लड़ लेते हैं और जनता ठगी थी रह जाती है। ऐसे ही कुछ हाल दिखे वार्ड 43 और 44 हैरिटेज के। यहां के लोगों की सड़क, पानी की शिकायत ही अब तक खत्म नहीं हुई, अन्य समस्याओं से तो ये परेशान हैं ही।
गंदे पानी से परेशान
वार्ड 43 में पानी सबसे बड़ी समस्या है। यहां आए दिन गंदा पानी आता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे गंदे पानी की जलदाय विभाग, नगर निगम के अधिकारियों से लेकर पार्षद तक को कह चुके, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। पिछले जो पार्षद रहे, वो कभी किसी से नहीं मिलते। वहीं गलियों में गंदगी से भी लोग परेशान हैं।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
वहीं वार्ड 44 के स्थानीय निवासियों से बात करने पर पता चला कि यहां रात के समय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। इसे लेकर कई बार थाने तक में शिकायत की। कोई इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं। इस कारण यहां के लोग निगम से भी नाराज हैं। इसके साथ आवारा पशु भी यहां की बड़ी समस्या बन गए हैं।
इनका कहना है
पार्षद को कभी देखा नहीं अपने राय कॉलोनी में अच्छे व्यक्ति की जरूरत जो आकर यहां देखें तो सही कि कितना विकास करना है। किन समस्याओं को ठीक करना है। आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है।
जितेंद्र सिंह नरुका, निवासी वार्ड 44
वार्ड छोटे हो चुके हैं तो आने वाले पार्षद अच्छी तरह से विकास कर सकेंगे। लेकिन अगर अब भी समस्याएं नहीं सुनी जाती हैं, तो आगे से चुनाव का ही बहिष्कार करेंगे।
दिनेश कुमार, निवासी वार्ड 44