किसी भी पूजा में दीपक का काफी अधिक महत्व होता है। माना जाता है, कि यह भक्तों की भक्ति दर्शाता है। नवरात्रि 9 दिनों की होती है जिस कारण अखंड दीपक 9 दिनों तक जलाया जाता है। ऐसी मान्यता होती है, कि कलश स्थापना के समय अखंड ज्योति जलाई जाए तो व्रत की समाप्ति तक यह नहीं बुझना चाहिए। नौ दिन तक देवी मां की आराधना करने में अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। यह ऐसी ज्योति होती है, जो खंडित नहीं होती और इस ज्योति को प्रज्ज्वलित किया जाता है। नवरात्रि में कई नियमों का पालन होता है, जिसमें मां के सामने 9 दिन तक अखंड ज्योति जलाते हैं। नवरात्रि में नौ रूपों की पूजा के साथ कई घरों में कलश की स्थापना होती है। यदि आंख ज्योति बार-बार बुझ जाए तो इसके लिए तरकीब अपनाई जा सकती है- =>यदि आप ज्योति जलाने के लिए सवा बित्ता की बातें इस्तेमाल करेंगे तो, यह 9 दिन तक नहीं जलेगी इसलिए जब भी ज्योति जलाएं सवा हाथ की बाती जलाए। =>यदि आप की अखंड ज्योति बुझ जाए तो बाकी उसी में लेकर गीत नहीं जलाएं क्योंकि यह खंडित मानी जाएगी इसलिए जलते दीपक में दूसरी बाती जोड़ें जिससे यह खंडित ना हो। =>अगर मिट्टी का दीपक जला रहे हैं, तो उसे 24 घंटे पहले तक पानी में रखें जिससे यह के लिया कि को ना सोख पाए।
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