कानपुर। 31 अक्टूबर को उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती मनाई जाएगी। उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर कानपुर स्थित मूलगंज चौराहे पर उनकी प्रतिमा को दूध से स्नान कराने के उपरांत उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।कार्यक्रम में अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा निडर और उन्नाव अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुनीत तिवारी ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला। राकेश मिश्रा ने कहा कि सरदार पटेल अन्याय नहीं सहन कर पाते थे। अन्याय का विरोध करने की शुरुआत उन्होंने स्कूली दिनों से ही कर दी थी नडियाद में उनके स्कूल के अध्यापक पुस्तकों का व्यापार करते थे और छात्रों को बाध्य करते थे कि पुस्तकें बाहर से न खरीदकर उन्हीं से खरीदें। वल्लभभाई ने इसका विरोध किया और छात्रों को अध्यापकों से पुस्तकें न खरीदने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप अध्यापकों और विद्यार्थियों में संघर्ष छिड़ गया। 5-6 दिन स्कूल बंद रहा। अंत में जीत सरदार की हुई।