इंदौर के चोइथराम अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। जहां जबलपुर मेडिकल से MBBS कर रही है जूनियर डॉक्टर लड़की ने इंदौर के चोइथराम अस्पताल पर आरोप लगाए कि अस्पताल मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण उसके पिता की मौत हुई है। वह खुद अपने पिता की देखरेख करना चाहती थी परंतु अस्पताल ने मंजूरी नहीं दी। जानकारी के मुताबिक इंदौर की स्कीम नंबर 71 में रहने वाले 60 वर्षीय सीनियर सिटीजन को उनके बेटे ने चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया था। पिता कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे। जबलपुर मेडिकल से MBBS फाइनल ईयर की छात्रा एवं जूनियर डॉक्टर को जब पिता का समाचार मिला तो वह तत्काल जबलपुर से इंदौर आ गई। पिता की हालत गंभीर थी। लड़की ने हॉस्पिटल से परमिशन लेकर अपने पिता की केयर की और 11 घंटे की देखभाल के बाद 18 नवंबर पिता की स्थिति सामान्य हो गई थी। 19 नवंबर को हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने डॉक्टर बेटी को अपने पिता से मिलने नहीं दिया। दोनों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बात हो रही थी। 20 नवंबर को पिता ने सांस में तकलीफ की शिकायत की। अस्पताल का वेंटीलेटर काम नहीं कर रहा था। इस दौरान हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने उनका विस्तर बदल दिया। रात में 8:30 बजे उन्होंने आखिरी बार अपनी बेटी से बात की और फिर उनकी मृत्यु हो गई। जूनियर डॉक्टर ऐश्वर्या चौहान ने चोइथराम अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। ऐश्वर्या का आरोप है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण उनके पिता की मृत्यु हुई है। मामले की शिकायत राजेंद्र नगर पुलिस थाने में की गई है।