इलाज के इंतजार में इस हाल में घंटों फर्श पर बैठा रहा मासूम
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मेरठ। कोरोना संक्रमण काल में मेरठ मेडिकल कॉलेज की अव्वल दर्जे की लापरवाही उजागर हुई थी। मेरठ मेडिकल के डॉक्टरों की लापरवाही सुधारने के लिए सीएम योगी तक को हस्तक्षेप करना पड़ा था। लेकिन लाख कोशिश के बाद भी मेडिकल कॉलेज की लापरवाही में कोई सुधार नहीं आया। मेडिकल के डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही का एक मामला आज और उस समय जुड़ गया। जब मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी वार्ड में 10 साल का मासूम इलाज के लिए डॉक्टरों का इंतजार करता रहा। लेकिन परिजनों के लाख गुहार के बाद भी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का दिल नहीं पसीजा। 10 साल का मासूम बच्चा जख्मी हालत में अपने परिजनों के साथ नंगे पैर इमरजेंसी के फर्श पर बैठा रहा और उसके परिजन हाथ में ग्लूकोस की बोतल लेकर खड़े रहे। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मासूम बच्चे को घायल अवस्था में भर्ती करना तो दूर उसको स्ट्रेचर उपलब्ध कराना भी उचित नहीं समझा।