कोरोना के प्रकोप से जूझ रहे आम आदमी के लिए महंगाई ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है. महंगाई को व्यापक रूप से प्रभावित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज है पेट्रोलियम पदार्थों के दाम . पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ते ही ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ जाता है और ट्रांसपोर्टेशन महंगा होते ही वस्तुओं के मूल्य में उसका खर्च जुड़ जाता है .परिणामस्वरूप सभी वस्तुएं महंगी हो जाती है. देश में पिछली 20 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच सरकारी तेल कंपनियों ने 15 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाई, जिसके कारण इतने कम समय में ही डीजल सवा तीन रुपये से ज्यादा और पेट्रोल ढाई रुपए से ज्यादा महंगा हो गया. कोरोना रूपी जान पर लटकती तलवार के साथ ही महंगाई रूपी बोझ ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है .ऐसे में आम आदमी का अपने घर में दुबके रहना ही श्रेयस्कर है ,क्योंकि बाहर न जाने से कोरोनावायरस से तो बचाव होता ही है साथ ही पेट्रोल या डीजल का खर्च भी बचता है. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का यह कार्टून