आयुर्वेद से कोरोना को मात देने की तैयारी, इलाज को मिलेगा वैज्ञानिक प्रमाण

Patrika 2020-12-08

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भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या एक करोड़ के करीब बढ़ रही है। विश्व में कोरोना वायरस के कारण भारत सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। ऐसे में भारत को कोरोना वैक्सीन की काफी ज्यादा दरकार है। हालांकि, वैक्सीन पर तमाम देश काम कर रहे हैं। लेकिन ठोस नतीजे आने तक चिकित्सा के अन्य उपायों पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत में कोरोना महामारी को आयुर्वेद से मात देने पर काम जारी है। जल्द ही इसका वैज्ञानिक प्रमाण ट्रायल के जरिये सामने आएगा। क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीवआरआई) ने ट्रायल की अनुमति दे दी है, जो लोकबंधु कोविड अस्पताल में होगा। यहां कोविड के बायोमार्कर आयुर्वेदिक औषधियों से संक्रमित मरीज के ठीक होने का वैज्ञानिक प्रामाण परखा जाएगा। अगर यह सफल रहा तो देश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

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अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित शोध

लोकबंधु अस्पताल ने 120 कोरोना संक्रमित मरीजों पर आयुर्वेदिक औषधी का ट्रायल किया गया था। यह ट्रायल 100 फीसदी सफल हुआ था।
बाद में इस शोध को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है।

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इस तरह हुआ ट्रायल

ट्रायल में मरीजों के तीन ग्रुप बनाए गए थे। इनमें से कुछ मरीजों को सुबह-शाम सोंठ का पाउडर और कच्चे लहसुन की डोज डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दी गई थी। कुछ मरीजों को लोकबंधु अस्पताल में ही तैयार विशेष प्रकार का काढ़ा पिलाया गया था जिसमें कई तरह की औषधियों का मिश्रण था। तो वहीं तीसरे ग्रुप के मरीजों को इन दोनों में से कुछ भी नहीं दिया गया था। तीनों ग्रुप के मरीजों पर ट्रायल किया गया। पड़ताल में देखा गया कि जिन मरीजों को सोंठ पाउडर व कच्चा लहसुन की डोज दी गई, उनकी कोरोना रिपोर्ट पांच-छह दिन में निगेटिव आ गई। जिन्हें विशेष प्रकार का काढ़ा दिया गया, वह मरीज भी सात से नौ दिन बाद संक्रमण मुक्त हो गए। जिन्हें कुछ नहीं दिया गया, उनमें संक्रमण बना रहा। इस प्रकार यह दावा किया गया है कि आयुर्वेदिक नुस्खे कोरोना मरीजों को ठीक करने में कारगर हैं। हालांंकि, दावे का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यही वजह है कि अब नए ट्रायल का फैसला हुआ है।

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इस तरह सिद्ध होगी वैज्ञानिक प्रमाणिकता

कोरोना संक्रमित मरीजों में साइटोकान स्टॉर्म की स्थिति का आंकलन किया जाएगा। साइटोकाइन स्टॉर्म एक तरह से इम्यून सिस्टम हैं, जो रोगों से लड़ते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से साइटोकाइन स्टॉर्म की स्थिति को ठीक किया जाता है, ताकि शरीर का इम्यून सिस्टम कोरोना से जंग लड़ सके।

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