In the backdrop of a choice between an indigenous and foreign option to fulfil Indian Army's requirement for over 400 howitzers, DRDO has said that it would be in a position to offer over 200 Made in India ATAGS howitzers in 18-24 months of placement of orders.
लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिको के बीच झड़प होने और दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बाद से ही भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा हैं। इसी कड़ी में भारतीय सेना के लिये हथियारों और अन्य सामग्री के लिए जहां सरकार ने बजट जारी किया, तो भी राफेल जैसे दमदार मारक विमान को मंगवाया। वहीं अब सेना के लिए स्वदेशी गन तैयार हो रही है। दरअसल, मौजूद समय मे इंडियन आर्मी के तोपखानों के लिए 400 से ज्यादा आर्टिलरी गन की जरूरत हैं।
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