The agitation of farmers who took to the streets against agricultural laws has intensified. The feeders have decided to sit on a hunger strike on 14 December, adopting an aggressive form. Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni said that the heads of all the organizations will hold a hunger strike from 8 am to 5 pm for a day. The farmers say that the protest will continue till the government repeals these laws. Here, the government has made it clear on its part that the laws will not be withdrawn, but if it can be amended and has proposed to negotiate for it. And big news of the day.
कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन और तेज हो गया है. अन्नदाताओं ने आक्रमक रूप अपनाते हुए 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे. किसानों का कहना है कि सरकार जब तक इन कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. इधर, सरकार ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कि, कानून वापस नहीं होंगे लेकिन अगर इसमें संशोधन किए जा सकते हैं और इसके लिए वार्ता का प्रस्ताव दिया है. और दिनभर की बड़ी खबरें.
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