जिले के बेहमई गांव में 1981 में दस्यु सुंदरी फूलनदेवी द्वारा 20 लोगों को कतार में खड़ा कर गोलियों से भून दिया था। इस बहुचर्चित बेहमई कांड के वादी राजाराम की बीमारी के चलते मौत हो गई। मृतक ने फूलन देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जो न्यायालय में चल रहे इन मामले में होने वाले फैसले का 40 साल से इंतजार कर रहे थे। फूलन देवी ने मृतक के भाई और भतीजों समेत परिवार के 6 लोगों की हत्या की थी।
मृतक के परिवार के छै लोगों की थी हत्या
कानपुर देहात में 40 साल पहले हुए बेहमई कांड के मुख्य वादी राजाराम की मौत हो गई। वह 85 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्होंने फूलनदेवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। फूलनदेवी ने मृतक के सगे भाई और भतीजों समेत परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में हुई थी।
फूलनदेवी ने 20 लोगों की थी हत्या
14 फरवरी 1981 को जिले के बेहमई गांव में डकैत फूलनदेवी ने लाइन से खड़ा करके 20 लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद वादी राजाराम ने फूलन समेत 36 डकैतों पर हत्या व लूटपाट का मुकदमा राजपुर थाने में दर्ज कराया था। इस कांड के बाद ही बेहमई गांव में पुलिस उच्चाधिकारियों द्वारा रिपोर्टिंग चौकी बनवाई गई थी। वादी राजाराम हर तारीख पर न्याय पाने की आस में सुनवाई के लिए जिला न्यायालय पहुंचते थे।
कानपुर देहात न्यायालय के डीजीसी राजू पोरवाल ने कहा कि राजाराम की मौत से बेहमई कांड मामले में कोई फर्क नही पड़ेगा। मृतक का बयान दर्ज हो चुका है। मामले की सुनवाई जारी रहेगी।