यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आता जा रहा है। राजनीतिक दलों की धुकधुकी तेज हो गई है। दिसम्बर के सर्द मौसम में छोटे दलों की राजनीतिक गतिविधियों ने यूपी के राजनीतिक मौसम को गर्म कर दिया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की यूपी में एंट्री ने सुगबुगाहट पैदा कर दी है। मुस्लिमाेे की आवाज बुलंद करने वाले ओवैसी, पूर्वांचल में 22 फीसदी मतदाताओं केे अगुवा ओमप्रकाश राजभर और नई विकास क्रांति यानि गुड गवर्नेंस की आवाज बुलंद करने वाली पार्टी आप अगर एक छतरी के नीचेे आ गए तो यूपी की नई राजनीतिक समीकरण कई बड़े दलों की समीकरण बिगड़़ देंगे। बहुजन समाज पार्टी को इस नए समूह में शामिल करने का न्यौता मिला है पर अगर मायावती अकेले चुनावी मैदान में गईंं तो दलित मुस्लिम गठजोड़ को नुकसान पहुंच सकता है। कयासबाजी है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी इस गुट में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा के सामने कई मुश्किलें आ सकती हैं।
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सूत्रधार की भूमिका में आए ओम प्रकाश राजभर :- लखनऊ में असदुद्दीन ओवैसी से मिलने के बाद से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) चीफ ओम प्रकाश राजभर में तेजी आ गई है। और वह सूत्रधार की भूमिका में आ गए। अगले दिन गुरुवार को यादवों के बीच लोकप्रिय नेता प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने ओम प्रकाश राजभर ने मुलाकात की। दो माह में शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर के बीच यह चौथी मुलाकात थी। सूत्र बताते हैं कि नए गठबंधन की तैयारियों पर ओवैसी के संग हुई बातचीत का ब्यौरा ओमप्रकाश राजभर ने शिवपाल को दिया। ओवैसी और शिवपाल का एक-दूसरे के प्रति नरम रवैया तीसरे मोर्चे की नींव का पत्थर बना रहा है।
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'आप' से भी मिले ओम :- सियासी गोलबंदी में नए खिलाड़ियों को जोड़ने के सूत्रधार बने ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह से मुलाकात की। यूपी चुनाव के संभावित समीकरणों और चुनावी संभावनाओं पर चर्चा हुईं पर दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए कोई बयान जारी नहीं किया। वैसे तो आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यूपी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के संग गठबंधन करने का इशारा कर ही दिया है।
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सपा और बसपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें :- भाजपा के खिलाफ विधानसभा में चुनौती देने केे लिए ओम प्रकाश राजभर ने संयुक्त भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है। जिसमें जनभागीदारी मोर्चे में बाबूराम कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रीय उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी समेत आठ क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं। इनका दावा है कि यूपी की सभी विधानसभा सीटों पर संगठन मजबूत है। और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में तीसरे मोर्चे में ओवैसी, शिवपाल यादव, अपना दल की कृष्णा पटेल जैसे नेता शामिल होकर सपा और बसपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैै।