संस्कृत में भारत की आत्मा बसती है - देवाचार्य राजेंद्र दास जी

Patrika 2021-01-12

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संस्कृत में भारत की आत्मा बसती है - देवाचार्य राजेंद्र दास जी
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ललितपुर । नेहरू महा विध्यालय के तुलसी सभागार में संस्कृत भारती एवं संस्कृत संस्कृति संस्थानम् उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में सुश्री बहिन उमा चौवे दुवारा श्रीमद्भागवत का बुन्देली भाषा में अनुदित कृति का जगदगुरु मलूक पीठाधीश्वर डा राजेन्द्र दास जी दुवारा बिमोचन और लोकार्पण किया गया। इस समारोह में संस्कृत के विव्दानों ,गणमान्य नागरिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ साथ प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ ,सदर बिधायक रामरतन कुशबाहा बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड के सदस्य वनेहरू महा विध्यालय प्रवन्ध समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप चौवे भाजपा के जिला अध्यक्ष सपा की पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीमती ज्योति राजपूत आदि मौजूद रहे । बताया गया है कि उमा चौवे द्वारा लिखी गई पुस्तक में संस्क्रत भाषा श्रीमद्भागवत के श्लोकों का अनुवाद बुंदेलखंडी भाषा में इसलिए किया गया है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों को इसका अर्थ बखूबी समझ में आए और वह इसका लाभ उठा कर धर्मामृत पान कर सकें।

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