आपकी आस्था ही खोलेगी प्रगति के द्वार: पं. शर्मा - तीसरे दिन संगीतमय भजनों पर झूमे श्रद्धालू शाजापुर। मनुष्य सोचता है उसने इतना पैसा दान कर दिया, मंदिर बनवा दिया, अब तो उसके लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाएंगे। ये सब कुछ देने वाला ही वो है। भगवान के लिए यह सब बेकार है। उसे तो आपकी भावना और समर्पण चाहिए। यदि आपके मन में ईष्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा है तो आपको किसी चीज की कोई कमी नहीं रहेगी। बस आप उसका स्मरण करो वो तुम्हारा कल्याण कर देगा। यह बात पं. अनिल शर्मा ने हाउसिंग बोर्ड कालोनी में चल रही श्रीमद भावगत कथा के तीसरे दिन कथा वाचन करते हुए कही। पं. शर्मा ने कहा कि सच्चिदानंद स्वरूप परमात्मा हमारे दैहिक, दैविक एवं भौतिक तीन तापों को दूर करते हैं। जब ह्रदय में कथा श्रवण के माध्यम से परमात्मा प्रवेश करते है तो ये तीनों ताप अपने आप नष्ट हो जाते है। इसलिए मनुष्य को हमेशा सत्कर्म करना चाहिए, फल की इच्छा नहीं। क्योकि वह वही देता है जो हमारे लिए अच्छा होता है।