पलिम पुर गांव में एक नदी के किनारे छोटी सी कुटिया थी उसमे एक बुढ़िया रहती थी छोटी छोटी आखे झुर्रियों से भरा हुआ चेहरा और झुकी हुई कमर सारे गांव से गोबर इकठ्ठा कर उसके उपले बनाया करती थी उसी से उसका जीवन यापन होता था ले लो ले लो ताजे ताजे अभी के बनाये हुए उपले ले लो और अधिक जानकारी के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
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