नई दिल्ली/वाशिंगटन/काबुल: अफगानिस्तान में शांति चाहने वाला भारत आखिरकार अफगानिस्तान शांति समिति में शामिल हो गया है। भारत की ये बड़ी डिप्लोमेटिक जीत मानी जा रही है लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि भारत का सबसे पुराना दोस्त रूस ही भारत का विरोधी बन गया। रूस ने अफगानिस्तान में शांति के लिए तैयार किए जा रहे रोडमैप पर फैसला लेने वाले 6 देशों की सूची में भारत के शामिल होने का रूस ने विरोध किया था। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या डिप्लोमेटिक जीत होने के बाद भी क्या भारत ने अपना सबसे पुराना दोस्त खो दिया है? क्या रूस अब भारत विरोधी खेमे में शामिल हो गया है?