मेरा परिवार एक आर्यसमाजी और देशभक्त परिवार रहा है। मेरे बाबाजी ये सुनिश्चित करते थे कि घर की महिलाओं और बेटियों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। यह कहना है राज्या महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा तोमर का। उन्होंने बताया कि शुरू से ही अच्छे और स्वस्थ माहौल के बीच मेरी स्कूल से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा हुई। इसके बाद मैं मेडिकल कॉलेज चली गई, क्योंकि मेरे माता-पिता का ये सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनूं। वहीं, जहां तक सामाजिक कार्य की बात है तो शुरू से ही मेरा परिवार देशभक्त और सामाजिक था। मेरे बाबाजी स्वतंत्रता सेनानी रहे, वह कई बार जेल गए। खाली समय में मुझे पुस्तकें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। कोरोना काल के दौरान मैंने वेद, उपनिशद की पुस्तकें बहुत पढ़ी हैं।
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