One of the many festivals of the Muslim community is Shab-e-Barat. This festival is very important in Islam. According to the Islamic calendar, Shab-e-Barat is celebrated on the eighth i.e. on the night of the 15th of the month of Shab E Barat. It says that people usually call it Shab-e-Barat, but in the true sense it should be called Shab-e-Baraat. In these, the first word 'Shab' means night, the second is Baraat which is made up of two words, 'Bara' here means 'acquitted' and 'At' is attested, ie it is acquitted (from the world). It is a night of doing or redemption. Maulan Khurshid Alam says that although all the days of the year are the same night, but in Islam, five nights are considered more important than all nights. Among these are the night of Eid, the night of Bakrid, the night of Meraj, the Shabe Kadr in Ramadan and the fifth night, Shab-e-Baaraat. Allah surely accepts every legitimate prayer that is done on this night, on this whole night people are blessed by Allah. That is why people of the Muslim community stay awake all night and read Namaz and Quran. Know Shab E Barat Ka Matlab and Shab E Barat Ki Raat Mein Kya Padhe ?
मुस्लिम समुदाय के तमाम त्योहारों में से एक त्योहार शब-ए-बारात है. इस्लाम में इस त्योहार की काफी अहमियत है. इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आठवां यानी शाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है, इस साल शब ए बारात का मतलब और शब ए बारात की रात में क्या पढ़े । सही मायने में इसे शब-ए-बराअत कहा जाना चाहिए. इनमें पहला शब्द 'शब' का मायने रात है, दूसरा बराअत है जो दो शब्दों से मिलकर बना है, यहां 'बरा' का मतलब बरी किए जाने से है और 'अत' का अता किए जाने से, यानी यह (जहन्नुम से) बरी किए जाने या छुटकारे की रात होती है. मौलान खुर्शीद आलम कहते हैं कि वैसे तो साल के सभी दिन रात समान हैं, लेकिन इस्लाम में पांच रातें सभी रातों से ज्यादा अहम मानी जाती हैं. इनमें ईद की रात, बकरीद की रात, मेअराज की रात, रमजान में शबे कद्र और पांचवीं रात शब-ए-बारात है. इस रात को की जाने वाली हर जायज दुआ को अल्लाह जरूर कुबूल करते हैं, इस पूरी रात लोगों पर अल्लाह की रहमतें बरसती हैं. इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर जागकर नमाज और कुरान पढ़ते हैं. जानें शब ए बारात का मतलब और शब ए बारात की रात में क्या पढ़े ।
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