अखिलेश यादव के करीबी सपा MLC के खिलाफ विजिलेंस जांच तेज II सपा बोली बीजेपी निभा रही दुश्मनी !

Media Halchal News 2021-04-08

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एक और सपा नेता के खिलाफ कानून हुआ सख्त
अखिलेश यादव के करीबी के खिलाफ जांच तेज
सपा MLC वासुदेव यादव पर विजिलेंस ने कसा शिकंजा
सपा बोली बीजेपी की आंखों में खटक रहे सपा नेता
बीजेपी जानबूझकर सपा नेताओं के खिलाफ करवा रही जांच
पूर्व शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव के समर्थकों ने खोला मोर्चा

उत्तर प्रदेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी सपा के नेताओं के खिलाफ एक के बाद एक जांच का दौर चल रहा है…पार्टी के कद्दावर नेताओं के खिलाफ चुन चुनकर जांचें हो रहीं है और सपा इस मामले को लेकर सत्ताधारी पार्टी पर हमलावर है सपा का कहना है कि बीजेपी की आंखों में सपा नेता खटक रहे हैं इसीलिए बीजेपी सपा नेताओं के खिलाफ जांच करवा कर और झूठे केस लगाकर उन्हे परेशान करने का काम कर रही है…अब अखिलेश यादव के करीबी और पूर्व शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस विभाग ने जांच तेज कर दी है…हालात ये हैं कि सपा MLC वासुदेव यादव के खिलाफ शिकंजा तो कस ही रहा है साथ ही बीजेपी और सपा नेता आमने सामने हैं…प्रदेश के शिक्षा निदेशक रहे समाजवादी पार्टी से विधान परिषद के सदस्य वासुदेव यादव के खिलाफ सर्तकता विभाग ने केस दर्ज कर लिया है…विजिलेंस की जांच में फंसे वासुदेव यादव शिक्षा निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल में भी बेहद चर्चित रहे थे…पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में शामिल समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य वासुदेव यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विवेचना शुरू की जा रही है…इससे पहले खुली जांच में विजिलेंस की टीम ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से संपत्ति जुटाने के सबूत जुटाए थे…अब शासन की अनुमति लेकर जांच एजेंसी ने अपने कदम को आगे बढ़ाते हुए केस दर्ज किया है…समाजवादी पार्टी से एमएलसी और पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव के खिलाफ जांच जांच में विजिलेंस ने बीते महीने जांच में आय से अधिक संपत्ति के कई सबूत हासिल किए…इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजिलेंस विभाग की सिफारिश पर वासुदेव यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने की इजाजत दी…सूबे में बीजेपी की सरकार के गठन के बाद पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव के विरुद्ध भ्रष्टाचार की कई शिकायतें सामने आई थीं…शासन ने 12 सितंबर 2017 को वासुदेव यादव की संपत्तियों की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे…विजिलेंस ने उनके खिलाफ खुली जांच की, जिसमें एक सितंबर 1978 से 31 मार्च 2014 के बीच वासुदेव यादव की आय के साथ खर्च और चल-अचल संपत्तियों की पड़ताल की थी…विजिलेंस जांच में सामने आया कि इस अवधि के दौरान वासुदेव यादव की कुल आय करीब 89.42 लाख रुपये थी, जबकि उन्होंने 1.86 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां हासिल की…इस जांच में कुल आय से दो गुना से भी अधिक खर्च करने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद विजिलेंस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी…उनकी कई अन्य बेनामी संपत्तियों की जानकारियां भी सामने आई हैं…इसके बाद न्याय विभाग से विधिक सलाह लेने के बाद एमएलसी वासुदेव के खिलाफ आगे की कार्रवाई की अनुमति दी…वासुदेव यादव अखिलेश सरकार में बेहद रसूखदार थे…सपा सरकार में उनके प्रभाव का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षा विभाग में निदेशक स्तर के अन्य अफसरों के रहते हुए भी उन्हें माध्यमिक शिक्षा के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक की कुर्सी भी सौंप दी गई थी…इतना ही नहीं, अखिलेश सरकार के सत्तारूढ़ होते ही उनके खिलाफ चल रहीं तमाम जांचें एक-एक कर खत्म कर दी गईं और उन्हें

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