The beginning of the month of Ramadan in India has started with the moon coming out on Tuesday. People of the Muslim community across the country have started their first fast from 14 April i.e. today. Every person who believes in Islam is required to fast on Rosa. In this holy month of Ramadan, Muslims keep fast. During this time, nothing is eaten and drank from sun up to sunset. Muslims are divided into two Shia and Sunni communities. Both these Muslim communities hold an opinion on the basic five principles of Islam as well as the Quran and Prophet Muhammad of Allah. Soon after the demise of the Shia and Sunni Prophet Mohammed, a dispute arose over who would lead the Muslims. That is why both of them have a different opinion on their heirs after the Prophet, due to which there are ideological differences on many issues in both sects. There is a difference between the methods of the community in the form of Namaz. Know Difference Between Shia Sunni During Ramadan.
रमजान के इस पवित्र महीने में मुसलमान लोग रोजा रखते हैं. इस दौरान सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है. रोजा रखने में शिया और सुन्नी मुस्लिम में किसी तरह के तौर तरीके का कोई फर्क नहीं है और न ही देवबंदी और बरेली में किसी तरह का कोई अंतर है. हालांकि सहरी और इफ्तार के समय में जरूर दोनों ही संप्रदाय में अंतर है. मुसलमान मोटे तौर पर शिया और सुन्नी दो समुदायों में बंटे हैं. ये दोनों ही मुस्लिम समुदाय इस्लाम के बुनियादी पांचों उसूलों के साथ-साथ कुरआन और अल्लाह के पैगंबर मुहम्मद तक एक राय रखते हैं. शिया और सुन्नी पैगंबर मोहम्मद के निधन के तुरंत बाद ही इस बात पर विवाद से विभाजन पैदा हो गया कि मुसलमानों का नेतृत्व कौन करेगा. इसीलिए दोनों में अलग राय पैगंबर के बाद उनके वारिस पर है, जिस वजह से दोनों ही संप्रदाय में कई मुद्दों पर वैचारिक मतभेद हैं. दोनों ही समुदाय के नमाज के तौर तरीकों से लेकर अजान तक में फर्क है. जानें शिया सुन्नी में क्या अंतर है, क्या है इनके रोजे में फर्ज ?
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