विधानसभा चुनाव 2022: लोनी विधानसभा में सपा का बनवास खत्म होने के संकेत II लेकिन करनी होगी थोड़ी और मेहनत !

Media Halchal News 2021-04-18

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2022 में किसकी होगी लोनी विधानसभा
क्या कहते हैं लोनी विधानसभा के हालात ?
कैसी है लोनी विधानसभा में सियासी लहर ?
क्या सपा का बनवास होगा लोनी में खत्म ?
क्या बीजेपी को टक्कर दे पाएगी सपा ?
बीएसपी के खिलाफ क्यों हैं लोनी के लोग ?
देखिए हर सवाल का जवाब हमारे साथ

2022 विधानसभा चुनावों की धमक त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के साथ ही देखने को मिल रही है और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को 2022 का सेमाफाइनल माना जा रहा है…ऐसे में आज हम बात करेंगे गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा सीट की और जानने की कोशिश करेंगे कि 2022 में लोनी की जनता किसके सिर जीत का ताज सजाएगी…देर न करते हुए पहले लोनी का सियासी इतिहास जान लेते हैं और फिर बात करेंगे यहां के मौजूदा मुद्दों की

लोनी विधानसभा पर अब तक मात्र 2 बार विधानसभा चुनाव हुआ है
2012 में पहली बार लोनी विधानसभा पर चुनाव हुआ
और 2017 में दूसरी बार लोनी सीट पर मतदान किया गया
पहली बार विधानसभा चुनाव में लोनी सीट बीएसपी ने जीती
दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की
लोनी सीट पर सपा दोनों ही चुनावों में तीसरे और चौथे नंबर पर दिखी
लेकिन इस बार लोनी विधानसभा में सियासी हालात बदले हैं
अब लोनी सीट पर बीएसपी से आगे समाजवादी पार्टी दिख रही है
लेकिन बीजेपी भी मजबूती के साथ यहां टक्कर देने के लिए तैयार है

लोनी सीट पर दूसरी बार 2017 में विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी के टिकट पर नंद किशोर गुर्जर ने जीत दर्ज की…नंद किशोर गुर्जर सुर्खियों तब आए जब प्रशासन से परेशान होकर उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ हल्ला बोला किया…अब बात करते हैं मौजूदा मुद्दों और सियासी हालातों की…तो लोनी सीट पर 2012 में जीतने वाली बीएसपी अब कमजोर दिखाई देती है और ये कमजोरी सपा के हक में नजर आती है….

लोनी सीट पर सपा बीएसपी से अब आगे दिख रही है
बीएसपी अपने ही नेताओं पर कार्रवाई कर बुरी फंस गई हैं
2012 में जीतने वाले विधायक पर मायावती ने 2017 में कार्रवाई की
पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर पूर्व विधायक जाकिर अली को पार्टी से निकाल दिया
मायावती का साथ छोड़ जाकिर अली ने सपा का दामन थाम लिया था
लोनी सीट पर बीएसपी में गुटबाजी चरम पर दिखाई दे रही है
मायावती की निस्क्रियता का असर भी यहां साफ दिखता है
ऐसे में सपा बीएसपी से आगे लोनी सीट पर दिखाई दे रही है
लेकिन ओवैसी फैक्टर मुस्लिम वोटर्स पर असर करता दिख रहा है
बीजेपी और सपा में आमने-सामने का मुकाबला होने के संकेत हैं
कांग्रेस, बीएसपी भी टक्कर देने के लिए तैयार हैं
लेकिन नंद किशोर गुर्जर की दबंग छवि का असर भी लोगों पर दिखता है
वहीं कई स्थानीय मुद्दों को तूल देकर सपा माहौल बना रही है
पंचायत चुनावों के नतीजे कुछ हद तक तस्वीर साफ कर देंगे

पंचायत चुनावों के बाद पता चलेगा कि लोनी विधानसभा किसके खाते में जा रही है लेकिन कभी कमजोर दिखने वाली सपा अब लोनी में ताकत भरती दिख रही है जिससे साफ है कि 2022 का सियासी रण सपा और बीजेपी के बीच ही होगा…देखना ये है कि 2012 से जीत का इंतजार कर रही सपा लोनी में जीत दर्ज कर पाएगी या नहीं…ब्यूरो रिपोर्ट

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