खुर्जा विधानसभा का सियासी हाल
बीएसपी के गढ़ में बीजेपी से टक्कर
सपा भी जीत का कर रही है इंतजार
क्या कांग्रेस को मिलेगा फिर मौका ?
क्या बीएसपी बीजेपी से ले पाएगी बदला ?
क्या सपा जीत का स्वाद चखने के लिए हैं तैयार ?
विधानसभा से जुड़े हर सवाल का मिलेगा जवाब !
बुलंदशहर जिले की खुर्जा विधानसभा सीट पर सियासी जोर आजमाइश का दौर अभी से शुरू हो गया है…2022 विधानसभा चुनावों में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है…ऐसे में सियासी रणनीतियां बनाने का दौर और मतदाताओं को लुभाने का दौर जारी है…लेकिन सवाल इस बात का है कि बीएसपी पर प्यार लुटाने वाली खुर्जा सीट पर इस बार का सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा…क्या बीजेपी मिशन रिपीट करेगी…क्या कांग्रेस को फिर जीत मिलेगी…क्या बीएसपी बादशाहत कायम करेगी…या सपा सीट पर खाता खोलेगी…जानेंगे हर सवाल का जवाब लेकिन पहले सियासी इतिहास खंगाल लेते हैं और 2002 से लेकर 2017 तक के चुनावों का हाल जानते हैं कि कौन सा दल कितना मजबूत यहां रहा है…
2002 में बीएसपी ने खुर्जा सीट पर जीत का परचम लहराया था
2002 में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी और कांग्रेस तीसरे नंबर पर
2002 में सपा टॉप-4 में भी नहीं थी और निर्दलीय ने पायदान हासिल किया था
2007 में बीएसपी ने लगातार दूसरी बार खुर्जा पर विजय हासिल की
बीजेपी फिर से 2007 में भी दूसरे नंबर पर काबिज रही
कांग्रेस ने भी तीसरे पायदान की अपनी स्थिति को बरकरा रखा
और निर्दलीय की जगह सपा 2007 में चौथे नंबर पर रही
2012 में सपा की लहर देखने को मिल रही थी और खुर्जा अछूता था
खुर्जा में 2012 में कांग्रेस ने तीसरे पायदान से छलांग लगाई
और बीएसपी को पटखनी देते हुए जीत हासिल कर पहले नंबर पर आई
2012 में बीएसपी दूसरे नंबर पर आई और बीजेपी तीसरे पायदान पर पहुंच गई
सपा की लहर के बावजूद 2012 में भी सपा चौथे नंबर पर ही रही
2017 में एक बार फिर मुकाबले में बीएसपी ने बढ़त हासिल की
और कांग्रेस को कड़ी टक्कर बीएसपी की तरफ से मिली
लेकिन 2017 में जीत बीजेपी के खाते में चली गई
2017 का मुख्य मुकाबला बीएसपी और बीजेपी के बीच देखने को मिला था…और सपा के साथ साथ कांग्रेस जीत की जद्दोजहद करते दिखे…ऐसे में अब 2022 के लिए समीकरणों को देखा जाए तो बीएसपी के गढ़ में सपा जीत के लिए हाथ पांव मारती दिख रही है लेकिन जीत किसे मिलेगी वो समझने की कोशिश करते हैं…
कोरोना की दूसरी लहर से बीजेपी की छवि पर असर पड़ा है
किसानों का मुद्दा भी बुलंदशहर की इस सीट पर छाया हुआ है
बीएसपी का गढ़ खुर्जा रहा है लेकिन अब बीएसपी कमजोर है
पिछले 2 चुनाव बीएसपी खुर्जा में लगातार हार चुकी है
लेकिन बीएसपी रेस से बाहर मान ली जाए ऐसा भी नहीं है
कांग्रेस के बारे में कोई बात करना भी पसंद नहीं करता है
ऐसे में ले दे कर मुख्य मुकाबला बीजेपी Vs सपा होता दिख रहा है
सपा को इस बार उम्मीद है कि वो जीत का खाता खोल लेगी
लेकिन सपा को भरोसा जीतने के लिए बहुत काम करना होगा
किसी ऐसे नेता को टिकट देना होगा जो जनता का प्रिय हो
खुर्जा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के भी संकेत हैं लेकिन विजेता और उपविजेता की जंग में बीजेपी और सपा ही देखने को मिलेगे…ऐसे में जिसने जनता का भरोसा जीता वो यहां का सरताज बनेगा लेकिन उसके लिए बहुत काम करना होगा…सपा और बीजेपी लोगों के लिए पहला विकल्प हैं लेकिन जीत किसकी होगी फिलहाल कहना मुश्किल है…ब्यूरो रिपोर्ट
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