ये लो, BJP की टूलकिट भी सामने आ गई! सीएम योगी को लेकर हुआ खुलासा! हर ट्वीट पर 2 रुपए मिल रहे...

Media Halchal News 2021-06-01

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कितना सही है किसी की मौत के लिए दुआ मांगना ?
एक पत्रकार की मौत की दुआ मांगने वाले हैं कौन ?
सुधीर चौधरी के लिए मांगी जा रही थी मौत की दुआ !
रोहित सरधाना की मौत पर भी मनाया गया था जश्न !
आखिर किस मानसिकता के शिकार हैं ये लोग ?
मौत की दुआ और मौत पर जश्न मनाने वाले आखिर क्या करना चाहते हैं साबित ?

अक्सर कहा जाता है कि दुश्मन की मौत पर भी कभी खुश नहीं होना चाहिए क्योंकि इंसान से आपका वैर हो सकता है इंसानियत से नहीं…और अपने देश की तो ये संस्कृति है कि हम किसी की मौत पर न जश्न मनाते हैं न मरने की दुआ करते हैं लेकिन फिर भी कुछ वक्त से अपने देश में ही एक तबका ऐसा सामने आया है जो लोगों के मरने पर जश्न मनाता है और लोगों के मरने की दुआ भी करता है…खासकर मीडिया जगत के कुछ चेहरों का विरोध इस कदर हावी है कि लोग पत्रकार के बीमार होने पर या उसकी मौत पर जश्न मनाते हैं और मौत की दुआ मांगते हैं…और ऐसा गौरी लंकेश की हत्या के वक्त से लेकर अब तक लगातार देखने को मिल रहा है…गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी…तब सोशल मीडिया पर गौरी लंकेश को लेकर तमाम तरह की गालीगलौज तक की गई थी…उसके बाद वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरधाना की मौत हुई तो इसी तरह का आलम देखने को मिला…और अब वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी के कोरोना पीड़ित होने पर जब उन्होंने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की तो उसपर कमेंट कर कर के तरह तरह की भद्दी बातें कहीं जाने लगीं जो इंसानियत को शर्मसार करने वाली थी…साथ ही सुधीर चौधरी के मरने की कुछ लोग दुआ कर रहे थे…हालांति सुधीर चौधरी अब अस्पताल से घर आ चुके हैं और उनका स्वास्थ्य बेहतर बताया जा रहा है…लेकिन सवाल इस बात का है कि आप किसी के विचारों से असहमत हो सकते हैं व्यक्तिगत तौर पर आप उसका विरोध भी कर सकते हैं लेकिन किसी की मौत की दुआ करना और किसी की मौत पर जश्न मनाना आपकी इंसानी सोच, समझ पर सवाल उठाया है ब्यूरो रिपोर्ट


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