यूपी में एक और सियासी कुनबे में दो फाड़ II सगी बहनों में छिड़ा संग्राम !

Media Halchal News 2021-06-19

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यूपी के एक सियासी परिवार की रार !
अब सगी बहनों में आपस में खिंची तलवारे !
अलग-अलग नेताओं से मुलाकातों ने पकड़ा तूल !
देखिए क्या होगा दोनों बहनो का आगामी सियासी कदम ?
विधानसभा चुनाव से पहले रार ने फिर मचाई सनसनी !
देखिए आखिर क्या है आपसी खींचतान की वजह ?

२०१७ का वो सियासी ड्रामा तो आप लोगों को याद ही होगा जब यूपी के सबसे बड़े सियासी कुनबे में दो फाड़ देखने को मिला था और अखिलेश यादव के साथ साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव की राहे जुदा हो गईं थी…ठीक वैसा ही हाल एक बार फिर देखने को मिल रहा है लेकिन इस बार चाचा भतीजे नहीं बल्कि दो सगी बहने आमने-सामने हैं और दोनों सगी बहनों के बीच में एक मां भी पिस री है…दावा दोनों तरफ से खुद की बेहतरी का किया जा रहा है लेकिन हकीकत देखी जाए तो कई संकेत भी मिलते हैं…सियासी वर्चस्व की लड़ाई में सगी बहनों में खिंची तलवारें अब चर्चा का सबब है…हम बात कर रहे हैं अपना दल एस और अपना दल कमेरावादी की…और जो सगी बहने हैं वो है अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल…इस सियासी जंग फिल्मी डॉयलोग मेरे पास मां है भी सटीक बैठता है क्योंकि एक बहन विधानसभा से लेकर संसद तक दखल दे रही है तो दूसरी मेरे पास मां है का दावा कर खुद का सियासी वजूद बनाने की कोशिश में हैं…दरअसल २०२२ विधानसभा चुनावों से पहले कुर्मी वोटर्स पर अपनी-अपनी पकड़ मजबूत दिखाने के लिए पल्लवी और अनुप्रिया पटेल आमने सामने हैं…अपना दल में विरोध का सिलसिला तब शुरू हुआ जब अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया…अनुप्रिया ने इसका विरोध किया और खींचतान का अंत पार्टी के दोफाड़ के रूप में हुआ…2016 में अनुप्रिया ने अपना दल (सोनेलाल) गठित किया…2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन में मिली 11 सीटों में 9 पर जीत से अनुप्रिया का कद और बढ़ा…सरकार में अपना दल के कोटे से एक विधायक मंत्री बना…उनके पति आशीष सिंह पटेल अप्रैल 2018 में एमएलसी बन गए…कृष्णा पटेल गुट के लोगों का कहना है कि पल्लवी भी संगठन में सक्रिय थीं लेकिन अनुप्रिया पटेल की तरह उनका एक्सपोजर नहीं था…पल्लवी पटेल ने मां की अगुआई वाली पार्टी के सियासी प्रबंधन को आगे बढ़ाया…2017 विधानसभा चुनाव में 59 सीटों पर उम्मीदवार भी उतारे लेकिन सफलता नहीं मिली…इसी बीच 2018 में सोनेलाल पटेल के नाम पर आयोजनों के बहाने विभिन्न सियासी दलों व वोटरों में पार्टी का आधार बढ़ाने की कोशिशें भी पल्लवी ने जारी रखीं…2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तौर पर कांग्रेस के ही टिकट पर तीन प्रत्याशी उतारे गए जिनमें गोंडा से कृष्णा पटेल और फूलपुर से पल्लवी के पति पंकज निरंजन उम्मीदवार थे लेकिन कांग्रेस की तरह इनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा…अब 2022 विधानसभा चुनाव के पहले पल्लवी एक बार फिर पार्टी को प्रभावी बनाने की कोशिशों में लगी हैं…हाल ही में हुई एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात को प्रदेश राजनीति में मजबूत साथी की तलाश की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है…और उम्मीद की जा रही है कि अखिलेश यादव के साथ पल्लवी पटेल गठबंधन कर सकती है वहीं अनुप्रिया पटेल अमित शाह से मुलाकात पर मुलाकात कर रही है जिससे उनके बीजेपी के साथ रहने के संकेत मिल रहे हैं…फिलहाल, यूपी में करीब 10 फीसदी कुर्मी वोटरों की रहनुमाई को लेकर दोनों ही बहनों का दावा है जिसकी सच्चाई का फैसला जनता करेगी…

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