पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, हस्त नक्षत्र में गंगाजी शिवजी की जटाओं से निकलकर धरती पर आई थी। मान्यता है कि इस दिन गंगा सेवन यानी गंगा स्नान करने से अनजाने में हुए पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस पवित्र नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। कोरोना संक्रमण काल में आप गंगा स्नान के लिए घर पर नहाने वाले जल में गंगा जल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से भी गंगा स्नान के बराबर ही पुण्य मिलता है। इस दिन विष्णुपदी, पुण्यसलिला माँ गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ, अतः यह दिन 'गंगा दशहरा' (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) या लोकभाषा में जेठ का दशहरा के नाम से जाना जाता है।