ये कहानी है सुभद्रा की भोली भालि सुभद्रा भगवन भोलेशंकर की बहुत बड़ी भक्त थी उसका पत्ती दीपक भी बिलकुल उसी के तरह सीधा साधा था दीपक के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी थी कई बीघे खेत थे लेकिन वो जमीन से जुड़ा आदमी था दोनों पत्ती पत्नी हमेशा सबकी मदद को तैयार रहते उनकी शादी को पंद्रह साल हो गए थे लेकिन अबतक सुभद्रा की गोद सुनी ही थी लेकिन शुबद्रा को बिश्वास था की एक दिन और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
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