ये कहानी बहुत ही फिल्मी है. कहानी में कोई हीरो नहीं है, दो विलेन है और दोनों की अदावत में जलता हुआ पूर्वांचल है. एक किरदार ऐसा जिसकी रगों में सियासत खून बनकर दौड़ती है और जिसने सियासत से गुंडई का साम्राज्य बनाया. तो दूसरा ऐसा जो दुश्मनों का दुश्मन है और अपने वक्त का सबसे जिगरावाला बदमाश. पहले का नाम है मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और दूसरे का नाम बृजेश सिंह (Brijesh Singh) है जुर्म की दुनिया में इन दोनों का कद बहुत विशाल है