दिल्ली और पंजाब से जिन लोगों ने यहां आकर अपनी सियासत की है हम उसके साथ नहीं हैं सख्त विरोध करते हैं यह लोग तब कहां होते है जब यह कोई आपदा आती है यह लोग कोन है जो दूसरों के इशारे पर काम करने को मजबूर हैं यह एक सोच का विषय हैं मालूम नहीं यह लोग उन लोगों के हाथ की कठपुतली क्यों बने हुए हैं जो लोग दूध में निबु निचोड़ने का काम कर रहें हैं.....