फिरोजाबाद में सपा के साथ हो गया खेला !
पूर्व सांसद का साथ देने वाले ही निकले दगाबाज !
वोट देने साथ तो गए लेकिन नहीं दिया वोट !
सपा के साथ होने की बात कहकर BJP को दिया वोट !
सपा नेता बोले अखिलेश यादव कब तक बर्दाश्त करोगे !
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हो गया और नतीजे भी सामने आ गए लेकिन अब कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब ढूढना बेहद जरूरी है…खासकर सपा की लीडरशिप को लेकर अब कई गंभीर सवाल उठने लगे हैं…सियासी जानकारों का कहना है कि जो नेता अपनी पार्टी के ही सदस्यों को बांध के नहीं रख पा रहे हैं वो अखिलेश यादव को सीएम कैसे बना पाएंगे…वैसे तो हर जिले में ये चुनाव चर्चा का सबब बना लेकिन फिरोजाबाद में जो हुआ वो सबसे ज्यादा सुर्खियों में छाया रहा…फिरोजाबाद में जो सपा 5 बजे तक जीतती दिखाई दे रही थी…वो नतीजे आने पर हार गई और सपा के हर दावे पर पानी फिर गया…सपा के नेताओं को यहां जवाब देते नहीं बन रहा है…खासकर पूर्व सांसद अक्षय यादव के राजनीति कौशल पर जहां दबी जुबान में पार्टी में सवाल उठ रहे हैं वहीं सियासी जानकार भी अक्षय यादव और प्रो. रामगोपाल की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं…पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो फिरोजाबाद में सपा की हार का कारण अति आत्मविश्वासी होना और अखिलेश यादव की तरफ से सब कुछ प्रो. रामगोपाल और पूर्व सांसद अक्षय यादव के भरोसे पर छोड़ देना बना है…गजब की बात तो ये हैं कि जो पंचायत सदस्य पूर्व सांसद के साथ सपा के पक्ष में वोट करने गए थे…नतीजा आया तो उनका वोट भी बीजेपी के पक्ष में निकला…इतनी बड़ी चूक आखिर पूर्व सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हो कैसे सकती है…कि वो भांप ही नहीं पाए कि जो उनके साथ में होने का दावा कर रहे हैं हकीकत में वो उनके सात हैं ही नहीं…सूत्रों की माने तो पूर्व सांसद अक्षय यादव जब सपा उम्मीदवार रुची यादव के साथ वोट करने के लिए सदस्यों के साथ पहुंचे तब उनकी संख्या 17 थी लेकिन जब नतीजे आए तो उनकी संख्या मात्र 11 ही निकली…ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी हर्षिता सिंह की जीत पर सपा के पूर्व सांसद अक्षय यादव और एमएलसी डॉ. दिलीप यादव ने जिला प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया…लेकिन हकीकत तो ये है कि जिन नेताओं पर सपा के पूर्व सांसद और MLC ने भरोसा किया था वो उनके भरोसे का फायदा उठाकर बीजेपी के साथ निकल गए…अब पार्टी में फिरोजाबाद के सपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग की जा रही है साथ ही फिरोजाबाद में सपा के जो नेता खुद को सर्वे सर्वा बता रहे हैं उनके पंख कुतरने की भी मांग की जा रही है…मांग की जा रही है कि अखिलेश यादव को अब आंखे खोल लेनी चाहिए कि वो जिनपर भरोसा करते हैं हकीकत में वो लोग भरोसे का गलत फायदा उठा रहे हैं…ब्यूरो रिपोर्ट