शाम का शमय था गोपी अपने माँ के साथ अपने झोपड़ी में ही बैठी थी बाहर मुसला धार बारिष हो रही थी माँ और कितनी देर लगेगी मुझे बहुत भूख लगी है माँ, बस थोड़ी देर और तब तक तू प्रसाद में मिला केला का ले नहीं माँ मुझे खाना ही खाना है ये सुनकर कमला का गाला भर आया आज दो दिन से माँ बेटी ने कुछ नहीं खाया था कमला और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
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