Jagannath Rath Yatra 2021:क्यों और किस मुस्लिम की मजार पर रुकता है रथ।जगन्नाथ का सबसे बड़ा भक्त कौन

Boldsky 2021-07-11

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The pilgrimage to Char Dham is considered very sacred in Hinduism. It is also written in the Puranas that salvation in Kali Yuga will be attained only by going to the shelter of Lord Jagannath. The beautiful and grand temple of Lord Jagannath is built in the city of Puri in the state of Odisha. It is situated at a distance of about 60 kms from Bhubaneshwar. This beautiful and ethereal city is surrounded by seas on all three sides. Every day thousands of devotees come here to see the Lord. By the way, every year in the month of July, Lord Jagannath himself comes to meet his devotees riding on a chariot. But this time there is good news for his devotees that the Rath Yatra of Lord Jagannath will start from July 12. There are many stages in the journey of Lord Jagannath. As soon as their journey starts, the chariots are stopped by the devotees from place to place. People take darshan of God and take his blessings. Their story is very interesting. So let's know about them...

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा को बहुत ही पवित्र माना जाता है। पुराणों में भी लिखा है कि कलयुग में मोक्ष भगवान जगन्‍नाथ की शरण में जाने से ही मिलेगा। भगवान जगन्‍नाथ का सुंदर और भव्य मंदिर ओडिशा राज्‍य के शहर पुरी में बना है। यह भुवनेश्‍वर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर बना है। यह सुंदर और आलौकिक शहर के तीनों ओर समुद्र है। यहां हर दिन हजारों की दातार में भक्त भगवान के दर्शन करने आते है। वैसे तो हर साल जुलाई महीने में भगवान जगन्‍नाथ अपने भक्‍तों से मिलने रथ पर सवार होकर खुद ही उन्हें मिलने आते है। मगर इस बार उनके भक्तों के लिए खुशखबरी है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 12 जुलाई से शुरु होगी भगवान जगन्नाथ की यात्रा के कई पड़ाव होते है। इनकी यात्रा शुरू होते ही जगह-जगह पर भक्तों द्वारा रथ को रोका जाता है। लोगों द्वारा भगवान के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। इनकी कहानी बहुत ही रोचक है। तो चलिए जानते है इनके बारे में...

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