रामनगर रेलवे स्टेशन के पास वो बुढ़िया अक्सर दिखाई दे जाती थी कपड़ें कई जगह से फटे हुए और गंदे बाल भी उलझे हुए उसे देख ऐसा लगता था की वो कई दिन से नहाई भी नहीं है शारा दिन कुछ सोचती रहती अपने में ही कभी कभी बड़बड़ा देती थी सभी उसे पगली समझते थे कोइ कुछ दे दिया तो खा लिया नहीं तो खुद ही कूड़े के ढेर से निकाल कर कुछ भी उठा कर खा लेती थी कोइ नहीं जनता था की ये कौन और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
Video Llink: https://youtu.be/rACOEwQRjzk