सेठ दुर्गा दास और उनकी धर्म पत्नी आशा देवी का रामनगर में एक सभ्य परिवार था दुर्गा दास ने अपनी मेहनत से खूब धन दौलत कमाया था पर दुर्गा दास को एक दुःख था की उनसके एकलौते बेटे मोहन को शराब और जुए को बुरी लत थी वह रोजाना शराब पीकर बेसुध होकर देर रत घर लौटता था और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
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