पहली बार मायावती को लेकर बोले अखिलेश यादव !
गठबंधन टूटने के बाद अखिलेश का दर्द जुबां पर आया !
अखिलेश यादव ने बीएसपी के आरोपों पर दिया जवाब !
अखिलेश यादव के संधे अंदाज ने हर किसी को किया कायल !
देखिए अखिलेश यादव ने क्या बाते गठबंधन को लेकर कहीं ?
देखिए किन कारणों से टूटी मायावती से गठबंधन का रिश्ता ?
देखिए आखिर किस बात का है अखिलेश यादव को मलाल ?
देखिए कैसे अब अखिलेश यादव कर रहे सियासी रणनीति तैयार ?
2019 लोकसभा चुनावों का वो वक्त तो आपको याद ही होगा…जब पूरे प्रदेश में बुआ बबुआ और साथी का नारा गूंज रहा था…चुनावों से पहले सपा बसपा गठबंधन के कमाल करने के कयास लगाए जा रहे थे…नतीजे आए तो वो मन के मुताबिक नहीं निकले और मायावती मुनाफा कमा कर नुकसान की तोहमत जड़ अखलेश यादव से दूर हो गईं…लोकसभा चुनावों के बाद गठबंधन टूटते ही मायावती ने सपा को लेकर तमाम आरोप लगाने शुरू कर दिए…तब से लेकर अब तक कोई ऐसा मौका नहीं जब अखिलेश यादव को मायावती ने बुरा भला न कहा हो…लेकिन अब पहली बार बीएसपी से गठबंधन टूटने के सवाल पर एक साक्षात्कार के दौरान अखिलेश यादव बोले…अखिलेश यादव से जब बीएसपी और गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े ही सधे अंदाज में जवाब दिया और जो कुछ कहा उसने उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचय तो दिया ही साथ ही लोग भी उनके कायल हो गए…अखिलेश यादव ने बिना किसी तोहमत के जिस तरह से सवाल का जवाब दिया वो अब सुर्कियों का सबब बना हुआ है…अखिलेश यादव ने कहा कि सपा से गठबंधन कर बीएसपी तो शून्य से दस पर पहुंच गई…जबकि मेरे घर के सदस्य भी चुनाव हार गए…अखिलेश यादव ने अपने अनुभव और रणनीति को खुलकर साझा किया…बीएसपी से उनकी सियासी जंग तो लोकसभा चुनाव के बाद से ही तेज हो गई…लेकिन अब उन्होंने इस नाराजगी का असल कारण भी जाहिर किया है…बीएसपी प्रमुख मायावती की उनसे नाराजगी के सवाल पर कहा कि नाराज तो हमें होना चाहिए…मायावती की पार्टी से गठबंधन करने पर घर के सदस्य भी लोकसभा चुनाव हार गए, जबकि बीएसपी शून्य से दस पर पहुंच गई…छोटे दलों से गठबंधन की बात सपा मुखिया ने इस तर्क के साथ दोहराई कि बड़े दल सीटें ज्यादा मांगते हैं, जबकि उनका स्ट्राइक रेट कम होता है…यही सोचकर छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लडऩे का मन बनाया है…साफ है कि आम आदमी पार्टी चाहे तो उसे साथ ले सकते हैं…हालांकि, सीटों को लेकर बात में चर्चा कर ली जाएगी…अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी से गठबंधन की बात एक बार फिर दोहराई है…दरअसल, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे बड़े दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके अखिलेश यादव ने सबक लिया है कि बड़े दल सीटें तो ज्यादा मांग लते हैं, लेकिन उनकी सीटें कम आती हैं और उससे फिर पार्टी का ही नुकसान होता है…ऐसे में अब छोटे दलों के साथ काम किया जाएगा बड़े दलों को साथ अब नहीं लिया जाएगा…ब्यूरो रिपोर्ट