टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की सबसे खास बात यह रही कि भारत के ओलंपिक सफर का सुखद समापन गोल्ड मेडल के साथ हुआ। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने अपने भाले का निशाना सीधे स्वर्ण पर लगाया। पदकों की संख्या की बात करें तो यह भारत का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। भारत ने इस ओलंपिक में 1 स्वर्ण, 2 रजत समेत 7 पदक जीते हैं।
टोक्यो ओलंपिक में 128 खिलाड़ियों का दल भारत द्वारा किसी ओलंपिक में भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा दल था। भारत की शुरुआत बेहतरीन रही और वेटलिफटर मीराबाई चानू ने 49 किलो ग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर बहुत जल्दी भारत का खाता खोल दिया। वह ओलंपिक में मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय वेटलिफटर बनी। रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुकी पीवी सिंधु ने भारत को दूसरा पदक दिलाया। ब्रॉन्ज मेडल मैच में सिंधु ने चीन की बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु दूसरा ओलंपिक मेडल अपने नाम करने वाली दूसरी भारतीय और पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। 69 किग्रा वर्ग के क्वार्टफाइनल में उन्होंने निएन चिन चें को 4-1 से हराया। लवलीना बोर्गना ने भारत के लिए मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता। कुश्ती में भारत के रवि दहिया ने अपना पदक पक्का किया। 57 किलो ग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल उन्होंने अपने नाम किया। भारतीय पुरुष टीम ने 41 साल और 9 ओलंपिक का सूखा खत्म कर ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराया।