Shardiya Navratri 2021 Date: शारदीय नवरात्र 2021 घट स्थापना मुहूर्त | Boldsky

Boldsky 2021-10-06

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Patna is ready to worship Mahishasur Mardini Maa Durga. Kalash installation is done in a large number of houses in the capital. According to the experts, there is a special significance of setting up the Kalash in Ghat Establishment Muhurta and Abhijit Muhurta. On the day of Ghat Establishment, auspicious yogas like Chitra Nakshatra, Thursday as well as Vish Kumbh are being formed. On this day Chaturgrahi Yoga is also being formed in Virgo. Ghat Sthapana Muhurta is on October 7 from 6.17 am to 7.07 am and Abhijit Muhurta is between 11.51 am to 12.38 pm.Jyotishacharya says that on October 7, the establishment of the Kalash will be particularly fruitful in Abhijeet Muhurta due to the prohibition of Chitra Vaidhriti Yoga. In this Muhurta, the devotees who could not invoke the mother, they can perform Kalash-Poojan in Choghadiya of Amrit from 12.14 pm to 1:42 pm and in Choghadiya of Amrit from 1:42 pm to 3:9 pm. Huh. PK Yuga says that in the scriptures, there is a law of one lesson for attainment of fruit, three lessons for peace of mind, five lessons for peace of all kinds, seven lessons for liberation from fear, nine lessons for attainment of yagya. If one is unable to recite for nine days one can recite with sattvik fasting for four, three, two or one day.

महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए पटना तैयार हो चुका है। राजधानी में बड़ी संख्या में घरों में कलश स्थापना होती है। जानकारों के अनुसार घट स्थापना मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र, गुरुवार दिन साथ-साथ विष कुम्भ जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है। घट स्थापना मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि 7 अक्टूबर को चित्रा वैधृति योग का निषेध होने से कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में विशेष फलदायी होगा। इस मुहूर्त में जो श्रद्धालु माता का आह्वान नहीं कर पाए, वे दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक लाभ का चौघड़िया में और 1 बजकर 42 मिनट से शाम 3 बजकर 9 मिनट तक अमृत के चौघड़िया में कलश-पूजन कर सकते हैं। पीके युग कहते हैं कि शास्त्रत्तें में फल सिद्धि के लिए एक पाठ, उपद्रवशांति के लिए तीन पाठ, सब प्रकार की शांति के लिए पांच पाठ, भयमुक्ति के लिए सात पाठ, यज्ञ फल प्राप्ति के लिए नौ पाठ का विधान है। यदि कोई नौ दिन पाठ करने में असमर्थ है चार, तीन, दो या एक दिन के लिए सात्विक उपवास के साथ पाठ कर सकता है।

#ShardiyaNavratri2021

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