क्या सेना प्रमुख को राजनीतिक बयान देना चाहिए? यह भारत के लोकतंत्र की खासियत रही है कि देश का राजनीतिक नेतृत्व हमेशा से सशक्त रहा. भारत को अपने पड़ोसी देशों की तरह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर कभी सैन्य खतरे का सामना नहीं करना पड़ा. सेना प्रमुख के बयान से एक बार फिर से राजनीतिक और सैन्य जबावदेहियों के बीच स्पष्ट रेखा खींचने की जरूरत महसूस होने लगी है. इस मुद्दे पर इस बार की टिप्पणी.