During Akbar's time a huge 40-yard high lamp was placed on the pole of the Red Fort. Which used to burn on the night of Diwali. Whose light used to go from Red Fort to Chandni Chowk. In this lamp, more than 100 kg of cotton, mustard oil was used. A large ladder was used to pour cotton and oil into the lamp.
Emperor Akbar के दौर में लाल किले के ध्रुव पर 40-yard ऊंचा विशाल दीपक लगाया जाता था। जो दिवाली वाली रात जलता था। जिसकी रोशनी लालकिले से चांदनी चौक तक जाती थी। इस दिये में 100 किलो से ज्यादा रूई, सरसों का तेल लगता था। दिये में रूई की बत्ती और तेल डालने के लिए बड़ी सीढ़ी का इस्तेमाल होता था। जिसेAkash Diya कहा जाता है।
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