बीते कुछ सालों में हिंदी न्यूज़ चैनलों के कंटेंट में आई लगातार गिरावट अब सांप्रदायिक कटुता और चीख-चिल्लाहट में बदल गई है. हर शाम टीवी स्क्रीन पर सांप्रदायिक बहसें की जा रही हैं. हालात ये है कि चैनल दर चैनल हर जगह एक ही तरह की ख़बरें दिखाई जा रही है. एंकरों की भाषा लगातार बिगड़ती जा रही है. एंकर बोल कम चिल्ला ज़्यादा रहे हैं. ऐसे में मीडिया रम्बल में ‘हिंदी न्यूज़ चैनलों के वर्तमान’ पर विस्तार से बात की गई.
इस चर्चा का संचालन मनीषा पाण्डेय ने किया. चर्चा में वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर, विनोद कापड़ी, स्मिता शर्मा के साथ गुजरे दिनों के वरिष्ठ टेलीविजन एंकर शम्मी नारंग ने हिस्मौसा लिया.
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